भोपाल/मध्यप्रदेश-: में आने के बाद से ही अपने वादे के मुताबिक सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढावा देने को लेकर प्रयासरत है।पूरे साल सरकार ने इसको लेकर गंभीरता दिखाई और कई उद्योगपतियों के साथ मुलाकातें भी की और इसके सफल परिणाम भी मिले। कमल नाथ की पहल पर बीते 12 महीनों में प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव देखने में आया है।
सत्ता में आने के बाद से ही अपने वादे के मुताबिक सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढावा देने को लेकर प्रयासरत है।पूरे साल सरकार ने इसको लेकर गंभीरता दिखाई और कई उद्योगपतियों के साथ मुलाकातें भी की और इसके सफल परिणाम भी मिले। कमल नाथ की पहल पर बीते 12 महीनों में प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव देखने में आया है।
सत्ता में आने के बाद से ही अपने वादे के मुताबिक सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढावा देने को लेकर प्रयासरत है।पूरे साल सरकार ने इसको लेकर गंभीरता दिखाई और कई उद्योगपतियों के साथ मुलाकातें भी की और इसके सफल परिणाम भी मिले। कमल नाथ की पहल पर बीते 12 महीनों में प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव देखने में आया है।
बड़े उद्योगों को प्राथमिकता के साथ विकसित भूमि आवंटित की-:
राज्य सरकार ने प्रदेश में बड़े उद्योगों को प्राथमिकता के साथ विकसित भूमि आवंटित की है। पिछले एक साल में इन उद्योगों को कुल 773 एकड़ विकसित भूमि आवंटित की है। इनमें से रॉलसन टायर्स को 404656 वर्गमीटर, एसीसी को 30600, मेकलॉडस फार्मास्युटिकल्स को 114200, श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स को 65000, सिपला लि. 121264, धार फारम्युलेशन 154228, पारले एग्रो 137200, वेल्सपन लि. को 604490, जमना ऑटो 48400, ऑटोमेटिव एक्सल 93032 और इंडियर रेअर अर्थ्स लि. को 101211 वर्गमीटर विकसित भूमि आवंटित की गई है।
विपक्ष ने उठाये सवाल -:
सरकार के इस दावे पर बीजेपी ने सवाल उठाए है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि सरकार बताए कि प्रदेश में कितने बेरोज़गारों को अब तक रोज़गार मिला है।ये सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है और कुछ नही।
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