सोशल मीडिया पर वायरल साक्षी शर्मा ( परिवर्तित नाम ) की वीडियो तेज़ी से वायरल हो रही है , राजनीति में एक मालुमात दंगल होता हैं, जिसमें बस वो धर्म-राजनेता उतरते हैं, जिनको धर्म से या लोगो की आस्था से कोई लेना-देना नहीं होता लेकिन राजनीति में खुद को उतारने के लिए कभी भी किसी भी धर्म के पक्ष और विरोध में बोलने लगते हैं। ऐसा ही अभी उत्तरप्रदेश में धर्म-दंगल में कई पार्टिया उतर रही हैं।
लेकिन हाल के मामले को जानने से पहले, हमें मामले की पूरी जानकारी होनी चाहिए, जहाँ से यह शुरू हुआ,फिर शायद हाल का मामला धर्म-दंगल कम, किसी एक समूह के लिए न्याय की आवाज लगे।
बात हैं 10 अगस्त,2017 की जब बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में ऑक्सीजन की सप्लाई को काट दिया गया था, उस समय वहाँ एक डॉक्टर था जिसने सारे बड़े अधिकारियों से और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एक्टिंग प्रिंसिपल को और अन्य लोगो से ऑक्सीजन सप्लाई की गुहार लगायी थी, लेकिन अनसुनी कर दी गयी ऐसा मौजदा डॉक्टर कफ़ील का मानना था। ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा न होने पर 77 बच्चो की तभी मौत हो गई थी और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को मौत का सबसे बड़ा कारण बतया गया था।
- https://youtu.be/R0-uLNdvVHI
- कौन था यह डॉक्टर?
डॉक्टर का नाम कफ़ील खान, जो की एक पेडियाट्रिक्स लेक्चरर के तौर पर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में काम किया करते थे, पेडियाट्रिक्स बच्चों सम्बंधित मेडिकल में एक ब्रांच होती हैं।
क्यूँ हैं राजनीती में गर्म हवा कफ़ील खान को लेकर?
जब आम जनता में बच्चो की मरने की ख़बर आयी तब योगी सरकार ने साफ़ तौर पर मानने से इंकार कर दिया था की हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई न होने से बच्चो की मौत हुयी थी। बल्कि कफ़ील खान को 13 अगस्त 2017 में उनके पद से हटा दिया गया और आईपीसी की धारा 409, 308, 120 बी, 420, भ्रष्टाचार अधिनियम की रोकथाम, आईपीसी की धारा 8, भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की धारा 15 के तहत पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया था। लेकिन 25 अप्रैल, 2018 को कोर्ट ने पुक्ता सबूत न होने पर कफ़ील को रिहा कर दिया था। इस बीच कफ़ील के भाई को सरेआम गोली मार कर हत्या करने की कोशिश भी की, और कफ़ील की रिहाही के बाद कफ़ील को भी मरने की धमकिया कफ़ील को मिलने लगी थी।
क्या हैं हाली मामला?
कफ़ील को मुंबई में 13 दिसंबर 2019 को फिर से यूपी की स्पेशल टास्क फाॅर्स द्वारा खिरफ़्त में ले लिया गया था, लेकिन जमानत मिली, फिर भी उसे तीन दिन तक रिहा नहीं किया गया था और फिर कफ़ील पर रासुका कानून भी लगा दिया गया था। उसका कारण दिया गया; कफ़ील ने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में “नागरिकता संशोधन एक्ट” का प्रोटेस्ट करते हुए लोगो को भड़काने की कोशिश की और दो साल पहले भी कफ़ील भड़काऊ भाषणों के चलते ख़बरों में रहे थे।
कोंग्रेस का धर्म युद्ध या धर्म राजनीती युद्ध
हाल में कोंग्रेस पार्टी के नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी ने कफ़ील खान की रिहाही के लिए दरगाओ में चादर चढ़ाने, सिग्नेचर प्रोटेस्ट, भूख हड़ताल और सोशल मीडिया पर कफ़ील की रिहाही के लिए कैम्पेन करने की बात कही हैं और कहा, हम मुस्लिम समूह को बचाएंगे। और, फिर से कोंग्रेस और बीजेपी में धर्म पर राजनीती होना शुरू हो गयी हैं।