अबकी बार, वर्चुअल प्रचार। जी हाँ बात हो रही हैं चुनावी प्रचार की और वो घड़ी आ ही गयी जब सोशल मीडिया पर दम से प्रचार-प्रसार होगा और आपको इसका कारण पता ही हैं। हमारे कोरोना जी।
अब कुछ बिंदियो पर नजर जिनकी बात हम करेंगे –
पहला बिंदु- बिहार में भाजपा ने वॉट्सऐप पर 4 करोड़ लोगों को जोड़ा,
दूसरा- जदयू ने सोशल मीडिया पर ऐप बनाई
तीसरा- राजद-कांग्रेस कर रहे सोशल मीडिया पर रैलियां
चौथा- भाजपा ने 60 हजार बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल कैंपेन की ट्रेनिंग दी, 9.5 हजार आईटी प्रोफेशनल रखे
और आखिरी- राजद ने वॉर रूम बनाया, जहां से तेजस्वी से लेकर राबड़ी देवी तक वर्चुअली लोगों से जुड़ रहे।
अब हम इन बिंदुओं को थोड़ा समझने की कोशिश करेंगे उससे पहले बात कहाँ की हैं दुल्हन यानी चुनाव ?
बिहार में चुनाव की तारीखें आ गई हैं। कोरोना की वजह से इस बार बड़ी-बड़ी रैलियां, रोड शो नहीं होंगे। ज्यादातर प्रचार वर्चुअल होगा। कोरोनाकाल में होने जा रहे इस चुनाव में सबसे खास बात भी यही है। राजनीतिक पार्टियों ने भी इस वर्चुअल प्रचार के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली है।
1. बीजेपी की तैयारी पर नज़र –
-सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा और सहज इस्तेमाल भाजपा ही करती है। कहा भी जाता है कि 2014 का चुनाव भाजपा ने सोशल मीडिया पर लड़ा। बिहार में होने जा रहे इस चुनाव में भी भाजपा वर्चुअल प्रचार में फिलहाल तो सबसे आगे दिख रही है।
-भाजपा ने पूरे बिहार में 150 प्रचार रथों को रवाना भी कर दिया है, जिनका काम गली, चौक-चौराहों पर नेताओं के भाषणों को सीधे लोगों तक पहुंचाना है।
-भाजपा अब तक डेढ़ लाख वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए 4 करोड़ लोगों से सीधे जुड़ चुकी है। बूथ लेवल से लेकर शक्ति केंद्र, मंडल और स्टेट लेवल तक पार्टी ने 9.5 हजार आईटी प्रभारियों को काम पर लगा रखा है। इतना ही नहीं बूथ लेवल के 60 हजार कार्यकर्ताओं को वर्चुअल कैंपेन की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।
-भाजपा आईटी सेल की मानें तो वर्चुअल मीटिंग में एक बार में 10 हजार कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ा जा सकता है। इस मीटिंग में एक-दूसरे से दोतरफा बातचीत हो सकती है।
वर्चुअल ही नहीं, घर-घर जाकर भी हो रहा प्रचार
भाजपा सिर्फ वर्चुअल प्रचार ही नहीं, बल्कि घर-घर जाकर भी प्रचार कर रही है। पार्टी अब तक सभी 243 विधानसभा सीटों के प्रमुख कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मीटिंग कर चुकी है।
2. अब बात जदयू की –
-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 सितंबर को बिहार में वर्चुअल रैली कर चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। जदयू ने वर्चुअल रैली से लोगों को जोड़ने के लिए जदयू लाइव ऐप भी बनाया है।
-इसके साथ ही पार्टी ने अब तक 31 लाख लोगों को वॉट्सऐप पर जोड़ रखा है। हर रविवार को ‘बिहार के नाम, नीतीश के काम’ नाम से न्यूजलेटर भी वॉट्सऐप पर जारी होता है। पार्टी के मुताबिक, ऐप के जरिए भी 10 लाख लोगों को ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है।
-जदयू का दावा है कि हर विधानसभा में अब तक करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर का डेटा तैयार हो चुका है। इसके अलावा हर ब्लॉक में वर्चुअल सेंटर भी तैयार किए गए हैं, जहां से पार्टी के नेता वर्चुअल तरीके से लोगों से बात करेंगे।
-पार्टी ने अपने तीन मंत्रियों अशोक चौधरी, संजय झा और नीरज कुमार को इस काम में लगाया है कि सोशल मीडिया पर लोगों को कैसे जोड़ा जाए? इन मंत्रियों को तीन-तीन प्रमंडल की जिम्मेदारी दी गई है। इनके पास फेसबुक, जूम और वॉट्सऐप ग्रुप बनाने का भी काम है।
3. राजद का वार रूम –
-10 सर्कुलर रोड पर राजद ने अपना वॉर रूम बनाया है, जहां से तेजस्वी-तेजप्रताप से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लगातार ट्विटर और फेसबुक के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं।
-फेसबुक लाइव के जरिए तेजस्वी लगातार बात कर रहे हैं। पार्टी के मुताबिक, कार्यकर्ताओं को डिजिटल तकनीक की ट्रेनिंग भी दी गई है।
इसके अलावा प्रखंड, जिला और प्रदेश स्तर पर अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बनाए जा चुके हैं। इनके जरिए बिहार के 25 लाख वोटरों से जुड़ने का टारगेट रखा गया है।
4. आखिरी बड़ी पार्टी की बात यानी कांग्रेस-
-प्रदेश कांग्रेस की तरफ से भी वर्चुअल प्रचार की खासी तैयारियां हैं। पार्टी अब तक वर्चुअल तरीके से करीब 40 मीटिंग कर चुकी है, जिसे राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया है।
-कांग्रेस 7 से लेकर 15 सितंबर के बीच बिहार की 88 विधानसभा सीटों पर महासम्मेलन भी कर चुकी है। साथ ही डिजिटल मेंबरशिप के जरिए करीब 5 लाख लोगों को जोड़ा गया है।
और आपको जाते-जाते यह बताते जाये की यही पार्टिया नहीं, बाकी राज्य की अन्य पार्टियों ने भी प्रचार शुरू कर दिया हैं। किसी ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाए, तो किसी ने आईटी टीम बैठाई। और एक नारा लगाया जा रहा हैं अबकी बार, वर्चुअल प्रचार।