खेलों को अब तक लोगों से जुड़ने, घुलने मिलने और रिश्ता बनाने का एक जरिया माना जाता था लेकिन बदलते दौर में हार-जीत रिश्तो को खत्म करने की वजह बनती जा रही है। ऐसे ही मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सामने आया है जिसमें 24 साल की बेटी को अपने पिता सिर्फ इसलिए सच्चे पिता नहीं लगते क्योंकि उन्होंने लूडो में खेल के दौरान उसे हरा दिया।
अब आपको एक वाक्य याद आ रहा होगा की बदलती दौर में किसी भी चीज की सम्भावना न रखे खास तौर पर रिश्तो की। लेकिन जब माँ-पिता के साथ रिश्ते की बात हो तो बात अगल हो जाती हैं फिर कोई भी दौर क्यों न हो।
कोरोना वायरस लॉकडाउन में लूडो एक बार फिर हर घर में लोकप्रिय खेल बन गया और परिवार के सभी सदस्य बड़ी दिलचस्पी से साथ खेलने लगे। हालांकि लूडो के खेल में एक पिता का बेटी को हराना रिश्ता टूटने की वजह बन गया है। अब बेटी सिर्फ हार की वजह से अपने पिता से रिश्ता नहीं रखना चाहती और यह मामला फैमिली कोर्ट तक जा पहुंचा है।
भोपाल में रहने वाली 24 साल की युवती अपने पिता और भाई बहनों के साथ लूडो खेल रही थी। खेल-खेल में जब पिता ने बेटी की गोटियों को आउट कर दिया तो बेटी के मन में ये बात इस कदर घर कर गई कि वह रिश्ता खत्म करने की सोचने लगी और उसे पिता से नफरत होने लगी। खेल के बाद भी लड़की के मन में पिता के लिए नफरत इतनी बढ़ गई कि मामला फैमिली परामर्श केंद्र तक पहुंच गया।
फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता रजनी ने बताया कि बीते दिनों हमारे पास एक 24 साल की लड़की आई जिसने बताया कि जब वो अपने भाई बहन और पिता के साथ लूडो खेल रही थी उस खेल के दौरान पिता ने उसे हरा दिया। इसके बाद उसे ऐसा लगने लगा कि पिता और उनके बीच में रिश्ता खत्म हो गया। उसे लगा जो पिता उसके लिए सब कुछ करते थे हर खुशियां ला कर देते थे वह कैसे उन्हें हरा सकते हैं।
युवती ने बताया कि मुझे पिता को पापा कहने का भी मन नहीं करता। इस अजीबोगरीब मामले को लेकर काउंसलर सरिता का कहना है उस लड़की की चार बार काउंसिलिंग की जा चुकी है जिससे थोड़ा सुधार हुआ है।
फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता ने एक बहुत अच्छी और इस बात को हर इंसान को जानना चाहिए, उन्होंने कहा आज कल बच्चों में हमने जीतने की ऐसी आदत डाल दी है कि वो हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें ये बताना होगा कि हार जीत बराबर है। यही वजह है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।