आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
हाथरस गैंग रेप के बाद यह ट्वीट उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने किया हैं।
इस केस ने एक नहीं कई मोड़ लेलिए हैं और उसकी वजह कई घटनाये हैं –
पहली बात- रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। यह बात विपक्ष की।
रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया।
जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया।
पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
दूसरी बात- दूसरा निर्भया कैसे? घटना हुयी ही नहीं। यह बात सोशल मीडिया पर कई सरकार के पक्षीय दल के लोग बोल रहे।
तीसरी बात- दुष्कर्म की शिकार हुई लड़की के भाई का कहना है कि परिवार को सुरक्षा दी जाए। प्रशासन दबाव डाल रहा है। लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं है, न्यायिक जांच होनी चाहिए। दोषियों को फांसी दी जाए।
चौथी बात- शिकार हुयी लड़की की माँ बोली एक लड़का जिसका नाम संदीप है उसने मारा मेरी बेटी को, कोई बलत्कार नहीं हुआ।
आखिरी बात- हाथरस पुलिस और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित लड़की के साथ कोई बलात्कार नही हुआ।
14 सितंबर को गैंगरेप की शिकार हुई दलित लड़की ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार तड़के दम तोड़ दिया। पुलिस लड़की के शव को लेकर मंगलवार रात 12:50 बजे उसके पैतृक गांव पहुंची, लेकिन घरवालों को लाश नहीं सौंपी। आखिरी बार बेटी का चेहरा देखने के लिए माता-पिता और भाई तड़प उठे, लेकिन परिवार वालों की एक नहीं सुनी गई और रात 2:30 बजे लाश जला दी। पुलिस पर आरोप है कि अंतिम संस्कार के दौरान पीड़ित परिवार के एक भी सदस्य को मौजूद नहीं रहने दिया, बल्कि पुलिस ने खुद ही लाश जला दी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव है। और कार्यवाही में उत्तर प्रदेश की सरकार ने SIT यानी स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को मामले की जांच के लिए नियुक्त किया।
अब इस सोशल मीडिया पोस्ट को देखिये-
इसमें वंश ठाकुर लिखते हैं वामपंथी वामिये और जिहादियों का एजेंडा काम कर गया और उनका साथ हाथरस के भाजपा नेताओं ने और कुछ क्षत्रिय समाज को टारगेट करने वाले लोगो ने भी दिया, #एक मारपीट की घटना को #निर्भया केस से भी वीभत्स बनाने का एजेंडा सफल हुआ। और यह भी लिख रहे हैं की पीड़ित की माँ खुद कह रही की रेप हुआ ही नहीं। वही दूसरी ओर पुलिस क दावा है कि जीभ काटने, रीढ़ की हड्डी तोड़ने और आंख फोड़ने की बात झूठी; आईजी बोले- पीड़िता ने दो बार बदले थे बयान।और वही दूसरी ओर पुलिस का दावा-
विपक्ष का पक्ष-
अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। यह बात मायाबती ने ट्वीट कर कही।