उप चुनाव : हर चुनाव में बढ़ता गया इमरती देवी का कद, बता रहे जीत के आंकड़े, कांग्रेस के पास कोई नेता नहीं
डबरा। चुनावी तिथि नजदीक आते ही भाजपा ने पकड़ मजबूत बना ली है। इमरती देवी के समर्थन में शीर्ष नेताओं के प्रचार में आने से भाजपा मजबूत दिख रही है वही कॉन्ग्रेस अपने गढ़ को बचाने में कमजोर दिख रही है। इसकी वजह क्षेत्र में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं बचा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस क्षेत्र के चिर परिचित नेता है जो कांग्रेस पार्टी की शान थे। लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हैं।ऐसे में क्षेत्र में कॉन्ग्रेस का कद बेहद छोटा हो गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस में कोई नेता नहीं बचे होने से क्षेत्र की राजनीत में कांग्रेस का वर्चस्व भी खत्म होता दिख रहा है।
यह उप चुनाव क्षेत्र के विकास को लेकर लड़ा जा रहा है। भाजपा ने क्षेत्र में विकास का क्रम शुरू कर दिया है ऐसे में मतदाता क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा के पक्ष में समर्थन देने में दिख रहा हैं।
यदि हम इमरती देवी के लगातार बढ़ते कद की बात करें तो निश्चित ही वर्ष 2008 से उनका कद बढ़ता गया है। विधानसभा में जीते हुए आंकड़े इस बात को बता रहे हैं।
वर्ष 2008 में इमरती देवी ने कमलापत आर्य को 12857 मतों से हराया था। 2013 में सुरेश राजे को 33278 मतों से और वर्ष 2018 में हुए चुनाव में कप्तान सिंह सहसारी को जीत का रेकॉर्ड तोड़ते हुए 57446 मतों से हराया था। प्रदेश में ज्यादा अंतर से जीत दर्ज करने वाली दूसरी बड़ी जीत थी। इमरती देवी की इस जीत से उनके व्यक्तिगत वर्चस्व की बात सामने आई। इमरती देवी के स्वच्छ एवं सरल स्वभाव और व्यक्तिगत वर्चस्व के साथ भाजपा के मजबूत संगठन को देखते हुए उनकी चौथी बार भी जीत की राह आसान दिख रही है।